वैलूर। तमिलनाडु प्रान्त के प्रसिद्ध वैलूर शहर में सीरवी समाज में मादक पदार्थों सहित किसी भी प्रकार की नशे की मनुहार पर काफी सालों से पूर्ण रूप से प्रतिबंध है। समाज में वर्ष 2006 से चल रहे नशा मुक्ति एवं समाज सुधार अभियान से प्रेरित होकर समाज की भावनाओं के अनुरूप वैलूर शहर में भी सामाजिक आयोजनों में नशे पर रोक लगाना तय किया।

वैलूर समाज के अध्यक्ष हिम्मताराम हाम्बड़ खेड़ा मामावास रायपुर व पूर्व अध्यक्ष हनुमानराम राठौड़ खारिया मीठापुर- बिलाड़ा के अनुसार समाज के नशा मुक्ति अभियान के परिपेक्ष में वैलूर समाज ने भी नशे पर रोक लगाई तथा निर्णय लिया कि किसी भी प्रकार के आयोजन में अफीम सहित अन्य नशीली चीजों का उपयोग जहां भी होगा। उस आयोजन में कार्यकारिणी का कोई भी सदस्य भाग नहीं लेगा, चाहे आयोजनकर्ता का सगा सम्बंधी ही क्यों न हो। साथ ही बताया कि एक परिवार ने समाज के निर्णय के विपरीत हठधर्मिता से नशे को जाजम पर ले आये, तो कार्यकारिणी के ध्यान में आते ही पूरी कार्यकारिणी ने उस आयोजन का बहिष्कार कर दिया। तब से लेकर अब कोई भी सामाजिक बन्धु किसी भी आयोजन में किसी भी प्रकार की नशीली चीजें को, यहां तक की बिड़ी भी उपलब्ध ही नहीं करवाते है। अब यह एक आदर्श आदत में शामिल हो गया है। इसलिए समाज के अग्रणी जैसा चाहेंगे वैसे सुधार लाया जा सकता है इसलिए ही तो कहा जाता है कि जहां चाह वहां राह बन ही जाती हैं। अगर कोई चाहेगा ही नहीं तो बात आगे कैसे बढेगी। धीरे धीरे सभी के समझ में आने लग गया है कि नशा नाश की जड़ हैं। इसलिए लगे रहो नशा मुक्ति एवं समाज सुधार अभियान में। अफीम व डोडा पोस्त समाज के दुश्मन है, इसलिए अखिल भारतीय सीरवी समाज से अपील है कि वैलूर शहर की तरह सख्ती बरत कर समाज के दुश्मन से दूर रहो।

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