आज भारत ही नही बल्कि सम्पूर्ण विश्व पर्यावरण [world environment] को लेकर चिंतित है।बढ़ता पर्यावरण प्रदूषण मानव जीवन की खुशियो को लील रहा है।सम्पूर्ण विश्व पर्यावरण संरक्षण के लिए प्रयासरत है। संयुक्त राष्ट्र संघ और विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) द्वारा प्रतिवर्ष 5 जून को विश्व पर्यावरण दिवस के रूप में मनाया जाता है। यह एक उत्सव की तरह होता है। इस दिन पर्यावरण के संरक्षण के लिए जगह-जगह वृक्षारोपण किया जाता है।
वृक्षारोपण की जिम्मेदारी हम सबकी है हम सब इस धरती को बचाने के लिए और आने वाली पीढ़ी को स्वच्छ व साफ प्राण वायु मिल सके इसके लिए इस धरा को पेड़-पौधे लगाकर सुरक्षित करना होगा।
पर्यावरण संरक्षण का अर्थ है कि हम अपने आस-पास के वातावरण का साफ-स्वच्छ बनाए ,गंदगी और बढ़ती आबादी के लिए स्वयं उपाय करके पर्यावरण संरक्षण में अपनी भागीदारी निभाए, लेकिन प्रगति के नाम पर पर्यावरण को मानव ने ही विकृत करने का प्रयास किया है, पर्यावरण व्यापक शब्द है जिसका सामान्य अर्थ प्रकृति द्वारा प्रदान किया गया समस्त भौतिक और सामाजिक वातावरण इसके अंतर्गत जल, वायु, पेड़, पौधे, पर्वत, प्राकृतिक संपदा सभी पर्यावरण सरक्षण के उपाए में आते है। ‘ गो ग्रीन(Go Green) ‘ कहने के लिए नहीं बल्कि करने में ज्यादा आसान होता है, आज पर्यावरण का ध्यान रखना हर व्यक्ति का कर्तव्य और जिम्मेदारी है।
पर्यावरण संरक्षण की तीन प्रमुख उपाय है:-
- पर्यावरण सरक्षण को हानि पहुंचाने वाली चीजों का कम से कम उपयोग करना चाहिए जैसे प्लास्टिक के बैग इत्यादि।
- विषैले अपशिष्ट छोड़ने वाले उद्योगों को बंद करे।
- ऐसे समान या चीजे जिसे हम वापस कर सके, खरीदने चाहिए जिसे हम वापस उपयोग कर सकते हैं जैसे कांच, कागज, प्लास्टिक और धातु के समान जिसे हम दोबारा उपयोग कर सकते हैं।
कुछ ऐसी चीजें होती है जिसे दोबारा बना कर प्रयोग में ला सकते है जैसे काँच की बोतलें, खाली जार इत्यादि ऐसे समान जो हम हमारे घरों में उपयोग करते हैं और फेंक देते हैं लेकिन उन्हें वापस उपयोग लाने का काम कर सकते हैं उदाहरण के तौर पर अखबार, खराब कागज , गत्ता, इत्यादि ऐसे समान होते हैं जिनका उपयोग बनाकर वापस उपयोग में ला सकते है। पर्यावरण सरक्षण का उपाय किसी भी महिला के किचन से शुरू होकर हमारे पर्यावरण तक हमारे सामने आता है, इसकी और सरकार को विशेष तौर पर ध्यान देना चाहिए।
पर्यावरण संरक्षण को नुकसान पहुंचाने वाले मुख्य प्रकार
- वायु प्रदूषण जल
- प्रदूषण
- ध्वनि प्रदूषण
- रेडियोधर्मी प्रदूषण
- प्रकाश प्रदूषण
- भूमि प्रदूषण
इस प्रकार अगर हमें वास्तव में अपने पर्यावरण संरक्षण के बारे में सोचना है तो इन मुख्य कारणों पर विशेष ध्यान देना होगा तभी हम अपने पर्यावरण का संरक्षण कर सकते हैं।
पर्यावरण पर इन प्रदूषण का घातक प्रभाव:-
आज का युग आधुनिक युग है, और पूरा संसार ही पर्यावरण के प्रदूषण से पीड़ित है, आज मनुष्य की हर एक सांस लेने पर हानिकारक है जहरीली गैसे मिली होती है। इसकी वजह से जहरीले सांस लेने के लिए हम मानव मजबूर है। इस्से हमारे शरीर पर कई विकृतियां पैदा हो रही है, कई तरह की बीमारियां विकसित हो रही है और फैल रही है।आजकल नई-नई वायरस जनित बीमारिया जैसे कोरोना वायरस ने सम्पूर्ण विश्व को अपनी चपेट में ले लिया है,यह मानव समाज के लिए एक खतरे की घंटी है।विश्व की आर्थिक व्यवस्था को प्रभावित कर दिया है।यदि ऐसा ही हाल रहा तो वो दिन दूर नहीं है, जब हम अपने ही हाथों मानव जाति का पतन कर जायेंगे और पर्यावरण इसी तरह से प्रदूषित होता रहा तो पूरी पृथ्वी प्राणी और वनस्पति इस प्रदूषण में विलीन हो जाएगी इसलिए समय रहते हमें इन प्रदूषण से हमारी पृथ्वी और हमारी जान बचानी है इसलिए इसके संरक्षण का उपाय हर व्यक्ति को करना आवश्यक है। विश्व स्तर पर इसके प्रयास भी किए गए हैं।वर्ष 1992 में ब्राजील में विश्व के 174 देशों का “पृथ्वी सम्मेलन” आयोजित किया गया।इसका आयोजन “संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण और विकास कॉन्फ्रेंस”द्वारा आयोजित किया गया था। सन 2002 में जोहान्सबर्ग में “पृथ्वी सम्मेलन” आयोजित कर विश्व के सभी बड़े देशों को पर्यावरण संरक्षण पर ध्यान देने के लिए अनेक उपाय सुझाये गए। हम सब पर्यावरण के संरक्षण से ही धरती पर जीवन का सही संरक्षण कर सकते है अन्यथा यह ग्रह भी जीवनरहित ग्रह बन जायेगा।
उपसंहार:-
पर्यावरण सुरक्षा और उसमें संतुलन हमेशा बना रहे इसके लिए हमें जागरुक और सचेत रहना होगा। हम सबको इस धरा पर हरीतिमा का विस्तार,नदियों आदि की स्वच्छता,गैसीय पदार्थो का उचित विसर्जन, रेडियोधर्मिता बढ़ाने वाले संसाधनों पर रोक ,गंदे जल-मल का परिशोधन,कारखानों के अपशिष्ट पदार्थों का उचित निस्तारण,जनसंख्या वृद्धि पर नियंत्रण और जन जागरण आदि अनेक उपाय कर पर्यावरण को सरंक्षित करने की पहली आवश्यकता है।प्रत्येक प्रकार के हानिकारक प्रदूषण जैसे जल, वायु, ध्वनि, इन सब खतरनाक प्रदूषण से बचने के लिए हम सर्वोत्तम उपाय करें तो हमारी पृथ्वी की सुंदरता जो कि पर्यावरण है। उसे बचा सकते हैं और अपने जीवन को भी स्वस्थ और स्वच्छ रूप में प्राप्त कर सकते हैं पर्यावरण संरक्षण विश्व में प्रत्येक मनुष्य के लिए अनिवार्य रूप से घोषित करना चाहिए। है तो हमारा जीवन है।
अंत सारांश रूप में सभी इस भाव को आत्मसात कर पृथ्वी को बचाने का दायित्व निभाए।
“यदि पृथ्वी है हम सबको प्यारी।
तो पृथ्वी को बचाने की समझे अपनी जिम्मेदारी।।”
आप सभी वन्दनीय श्रेष्ठजनों को “विश्व पर्यावरण दिवस” की हार्दिक बधाई एवं स्वच्छ -निरोगमय जीवन की अनेकानेक शुभकामनाये।????
द्वारा:-
हीराराम चौधरी
अध्यापक, राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय सोडावास (पाली)