नई दिल्ली। आरबीएल बैंक की वित्तीय हालत को लेकर पिछले कुछ दिनों से लगाई जा रही अटकलों के बीच भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने सोमवार को कहा कि बैंक के पास पर्याप्त पूंजी है और इसकी वित्तीय हालत संतोषजनक है।
रिजर्व बैंक ने कहा कि आरबीएल के जमाकर्ताओं और हितधारकों को अटकलों पर ध्यान देने की जरुरत नहीं है इस बैंक की वित्तीय हालत स्थिर बनी हुई है। केंद्रीय बैंक ने एक बयान में कहा, पिछले कुछ दिनों से आरबीएल बैंक लिमिटेड को लेकर कुछ अटकलें लगाई जा रही हैं। ये चिंताएं बैंक में हाल के दिनों के घटनाक्रमों के कारण हैं। रिजर्व बैंक बताना चाहता है कि आरबीएल के पास पर्याप्त पूंजी है और बैंक की वित्तीय हालत भी संतोषजनक है।
सोमवार अपराह्न शेयर बाजार में आरबीएल बैंक के शेयर भाव 13 फीसदी टूटकर 149.45 रुपये पर आ गया था। निवेशकों को हाल की बातों से बैंक की हालत को लेकर चिंताएं होने लगी थीं रिजर्व बैंक का आज का बयान इस दृष्टि से महत्वपूर्ण है। इससे पहले शनिवार को रिजर्व बैंक ने अपने मुख्य महाप्रबंधक योगेश के दयाल को आरबीएल बैंक के निदेशक मंडल में अतिरिक्त निदेशक के रूप में नियुक्त किया।
उन्हें दो साल के लिए इस पद पर नियुक्त किया गया है।
इसके साथ ही आरबीएल ने बैंक के प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्यकारी अधिकारी विश्ववीर आहूजा की तत्काल प्रभाव से अवकाश पर जाने की अर्जी को स्वीकार कर लिया। उनकी अर्जी स्वीकार किए जाने के बाद बैंक के निदेशक मंडल ने राजीव आहूजा को अंतरिम प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्यकारी अधिकारी चुना हैै।
रिजर्व बैंक ने आरबीएल को लेकर चल रही आशंकाओं को दूर करते हुए कहा है, अर्धवार्षिक लेखा परिणामों के मुताबिक 30 सितंबर, 2021 तक बैंक का पूंजी पर्याप्तता अनुपात (सीएआर) 16.33 फीसदी है और प्रावधान कवरेज 76.6 फीसदी है। इसके अलावा, 24 दिसंबर, 2021 तक बैंक का नकदी कवरेज अनुपात या लिक्विडिटी कवरेज रेशियो भी 153 फीसदी है, जो पर्याप्त है।
आरबीएल में नियुक्ति पर स्पष्टीकरण देते हुए आरबीआई ने स्पष्ट किया कि वह नियमों के तहत निजी बैंकों में ऐसी नियुक्तियों करता रहता है। बयान में कहा गया, यह स्पष्ट किया जाता है कि निजी बैंकों में अतिरिक्त निदेशकों की नियुक्ति बैंकिंग विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 36एबी के तहत की जाती है और ऐसा तब किया जाता है जब बोर्ड को नियामकी/पर्यवेक्षण संबंधी मामलों में उसके निकट सहयोग की आवश्यकता महसूस होती है।