नई दिल्ली। कुछ लोग हमेशा खबरों में रहते हैं, वे जो कुछ भी करते हैं वह अपने आप में एक खबर होती है। स्पेस एक्स के संस्थापक और टेस्ला कंपनी के सीईओ एलन मस्क दुनिया के सबसे अमीर आदमी होने के कारण अकसर खबरों में बने रहते हैं। इन दिनों वह सोशल मीडिया मंच ट्वीटर का अधिग्रहण करने की जिद को लेकर सुर्खियों में हैं।
हालांकि, किसी कंपनी या व्यक्ति द्वारा किसी दूसरी कंपनी का अधिग्रहण या विलय करना कोई नई बात नहीं है, लेकिन ट्वीटर के मामले में बड़ी बात यह है कि एलन मस्क उसे जबरन टेकओवर करना चाहते हैं और प्रबंधन उन्हें रोकने के लिए अपने स्तर पर अधिकतम प्रयास कर रहा है।
यहां यह जान लेना जरूरी है कि किसी कंपनी के टेकओवर को जबरन कार्य उन हालात में माना जाता है जब कंपनी को उसके प्रबंधन की मर्ज़ी के बिना अधिग्रहित करने की कोशिश की जाए और सोशल मीडिया मंच ट्वीटर के मामले में इसका एक्ज़िक्यूटिव बोर्ड इसके प्रबंधन की भूमिका में है।
मस्क की कोशिश कामयाब होगी या नहीं यह तो आने वाले दिनों में स्पष्ट हो जाएगा, लेकिन खरबों रुपए की संपत्ति के मालिक मस्क अब तक अपनी तमाम जायज-नाजायज जिदें अपनी दौलत के दम पर पूरी करते रहे हैं।
वह धरती को प्रदूषण मुक्त बनाने के नाम पर इलेक्ट्रिक कार बनाते हैं और दुनिया अगर इनसानों से खाली हो जाए तो उनका वजूद बनाए रखने के लिए अंतरिक्ष पर बस्तियां बसाने की बात करते हैं।
मस्क के शुरुआती दिनों की बात करें तो वह एक कनाडियन मां और दक्षिण अफ्रीकी श्वेत पिता की संतान हैं। उनका जन्म दक्षिण अफ्रीका के प्रिटोरिया में हुआ था। शुरुआती पढ़ाई के बाद उन्होंने प्रिटोरिया विश्वविद्यालय में दाखिला लिया, लेकिन कुछ ही समय बाद 17 साल की उम्र में कनाडा चले गए। कुछ समय तक कनाडा में रहने के बाद उन्होंने अमेरिका का रूख किया और अपनी किस्मत के दरवाले खोल लिए।
पेंसिलवेनिया विश्वविद्यालय से उन्होंने अर्थशास्त्र और भौतिकी में बैचलर की डिग्री ली और 1995 में कैलिफोर्निया चले गए, जहां उन्होंने स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी में दाखिला लिया। लेकिन फिर पढ़ाई करने की बजाय काम धंधा करने का फैसला किया और अपने भाई के साथ मिलकर जिप2 नाम से वेब साफ्टवेयर कंपनी बना डाली।
यह कंपनी बनाने के चार साल के भीतर मस्क की किस्मत बदल गई और 1999 में काम्पैक ने इसे 30 करोड़ 70 लाख डॉलर में खरीद लिया। इसके बाद, उसी साल मस्क ने ऑनलाइन बैंक एक्सडॉटकॉम के नाम से कंपनी बनाई, जिसका वर्ष 2000 में कनफिनिटी में विलय हुआ और नई कंपनी बनी पेपल, जिसे वर्ष 2002 में ईबे ने डेढ़ अरब डॉलर में खरीद लिया।
परिकथाओं जैसी मस्क की कहानी इसी तरह आगे बढ़ती रही और कुछ ही बरसों में मस्क फोर्ब्स की दुनिया के सबसे प्रभावशाली लोगों की सूची में शामिल होने के बाद अगले कुछ बरसों में दुनिया के सबसे अमीर आदमी बन बैठे। एक कहावत है कि ऊपर वाला जब देता है तो छप्पर फाड़कर देता है, लेकिन मस्क के मामले में तो ऐसा लगता है कि ऊपर वाले ने पूरे आसमान को ही छप्पर बना दिया है।