नई दिल्ली। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने भारत और कंबोडिया के बीच व्यापारिक सहयोग के नए क्षेत्रों को तलाशने की जरूरत को रेखांकित करते हुए शुक्रवार को कहा कि दोनों देशों के व्यापारिक संबंध अपनी क्षमता के अनुरूप विकसित नहीं हो पाए हैं और द्विपक्षीय व्यापार को और अधिक बढ़ाया जाना चाहिए ।
लोकसभा अध्यक्ष के नेतृत्व में भारतीय संसदीय शिष्टमंडल आज कंबोडिया के नोम पेन्ह पहुंचा। इससे पहले बिरला के साथ एक संसदीय शिष्टमंडल ने वियतनाम की अपनी तीन दिवसीय यात्रा समाप्त की। कंबोडिया की अपनी यात्रा के पहले दिन बिरला ने सम्राट नोरोडोम सिहामौनी से मुलाक़ात की ।
लोकसभा सचिवालय के बयान के अनुसार, बिरला ने कहा कि वर्ष 2022 दोनों देशों के लिए विशेष है क्योंकि वर्ष 1952 में हमारे राजनयिक संबंध स्थापित होने के बाद सात दशक पूरे हो चुके हैं्। उन्होंने कहा कि इस दौरान भारत ने कंबोडिया की चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों में हमेशा अपना समर्थन एवं सहयोग दिया है।
उन्होंने कहा, भारत और कंबोडिया के व्यापारिक संबंध अपनी क्षमता के अनुरूप विकसित नहीं हो पाए हैं्। दोनों देशों के बीच पिछले वर्षों में द्विपक्षीय व्यापार में हुई वृद्धि को और अधिक बढ़ाने की आवश्यकता है।’’
बिरला ने कहा कि दोनों देशों को व्यापारिक सहयोग के नए क्षेत्रों को सामने लाने की आवश्यकता है और इसके लिए दोनों देशों के व्यापारिक संघों के बीच निरंतर चर्चा संवाद होना चाहिए्।
उन्होंने कहा कि दोनों देशों को व्यापार, निवेश, पर्यटन, विकास परियोजनाओं आदि को आगे बढ़ाने के सतत प्रयास करने चाहिए, जिससे द्विपक्षीय आर्थिक संबंधों को और सुदृढ़ करने और उसे ऊंचाई पर ले जाने में सहायता मिले ।
लोकसभा अध्यक्ष ने कहा कि वर्तमान परिप्रेक्ष्य में कंबोडिया हमारी एक्ट ईस्ट’ नीति और आसियान के साथ और अधिक आर्थिक सहयोग के संदर्भ में एक महत्वपूर्ण साझेदार है।
कंबोडिया नेशनल असेम्बली के अध्यक्ष हेंग सैमरिन के साथ वार्ता के दौरान बिरला ने कहा कि दोनों देशों के बीच संसदीय सहयोग हमारे सौहार्दपूर्ण संबंधों को एक और नया आयाम देता है।
उन्होंने कहा कि नियमित द्विपक्षीय वार्ताओं से न केवल दोनों देश और संसदों के बीच घनिष्ठता बढ़ेगी, बल्कि दोनों देशों के लोगों के बीच परस्पर संपर्क और सहयोग को भी बढ़ावा मिलेगा।