बेंगलूरु| स्थानीय सीरवी समाज कर्नाटक ट्रस्ट बलेपेट वडेर के तत्वावधान में चातुर्मास विराजित संत रामप्रकाशजी महाराज ने कहा कि हर मानव के जीवन में दुख है| दुख का कारण हमारी नादानी, नासमझ, अविवेक है| हर इन्सान अपने मन में उलझा हुआ है और मन निरन्तर पीड़ित हो रहा है| प्रत्येक इन्सान का परम लक्ष्य है उसका दुख दूर हो|
इस कार्यक्रम में संस्था के सचिव अमराराम चोयल ने ‘आवणों पडेला संत गुरू थौने आवणों पडे ला’, आदि भजनों की प्रस्तुति देकर श्रद्धालुओं को झूमने पर मजबूर कर दिया|
संस्था के अध्यक्ष हरजीराम गहलोत ने स्वागत किया|
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मंगलवार को आरती व प्रसाद के लाभार्थी सुखियाबाई जुगाराम सैणचा, भंवरीबाई अचलाराम पवांर रहे|
इस मौके पर मुख्य अतिथि के रूप में राजस्थान से आए सेवानिवतृ मुख्य वन संरक्षक उमाराम चौधरी का संस्था के पदाधिकारियों द्वारा सम्मान किया गया |
इस अवसर पर संस्था के उपाध्यक्ष अन्नाराम परिहारिया सहसचिव भंवरलाल गहलोत सांस्कृतिक कमेटी के अध्यक्ष कमलकिशोर काग समेत समाज के अनेक सदस्य मौजूद थे|